गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल एन आई टी तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में विश्व मानवतावादी दिवस पर जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने रेडक्रॉस द्वारा संपादित की जा रही मानवतावादी गतिविधियों से जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड सदस्यों को अवगत करवाया। जे आर सी एवम ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि मानवता ऐसा शब्द है जिसे शब्दों में परिभाषित करना बहुत न्यायिक नहीं होगा। यह व्यापक शब्द है। इसकी परिभाषा बहुत व्यापक है, मानवता का सबसे बड़ा उदाहरण आज सभी के सामने हैं। कोविड-19 के समय में उन्होंने अपने जीवन की परवाह किए बिना बहुत लोगों का जीवन बचाया है कोरोना काल में फ्रंटलाइन वर्कर्स द्वारा जिस तरह से अपना जीवन खतरे में डालकर आवश्यकता में पड़े लोगों का जीवन बचाया, यही मानवता है। कितने डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी अपना उत्तरदायित्व निभाते हुए हमेशा के लिए चले गए किसी का जीवन न जाए इसलिए तुरंत ही दूसरा सहकर्मी आकर मोर्चा संभाल लेता हैं। आज भी कई ऐसे क्षेत्र है जहां असहाय लोगों को सहायता की आस है। लाखों लोग भुखमरी के शिकार होते हैं। आज देश में मानव समाज की आवश्यकता है। बहुत बार अनिश्चित प्राकृतिक आपदाएं आ जाती है। ऐसे में सहायता के लिए आंखें मानव समाज को ढूंढती है विश्व के हर देश में मानवता की कमी महसूस की जाती रही है। मानव होने के पश्चात भी लोग मानवता के भाव सामान्य नहीं हैं लोग जितना अधिक उन्नति कर रहे हैं उनके मन में मानवता की भावना उतनी ही न्यून हो रही है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि यह दिन मानवता के सेवकों को समर्पित है, जिन्होंने मानवता की सेवा करते हुए तन, मन और धन समर्पित कर दिया।यह मानवीयता को याद करने और विश्व भर के उन हजारों मानवीय सहायता कर्मियों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिन्होंने संकट और घोर निराशा के बीच लोगों की जीवन रक्षा की। विश्व का सब से विशाल मानवतावादी संगठन रेडक्रॉस दया, सहानुभूति, निष्पक्षता, तटस्थता, सर्वभोमिकता और स्वतंत्रता सहित कई संस्थापक सिद्धांतों पर आधारित है तथा आपदा प्रभावित समूहों को राष्ट्रीयता, सामाजिक समूह, धर्म, लिंग, जाति या किसी अन्य आधार पर भेदभाव के बिना जीवन बचाने में सहायता करने के साथ-साथ उनके दीर्घकालिक पुनर्वास का प्रयास करते हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने सुंदर पेंटिंग और संयोजन के लिए प्राध्यापिका मोनिका, शीतल और छात्रा अर्शी, अमृता और प्रियांशी की सराहना करते हुए मानवता के लिए जुड़ने की अपील की।