उत्तराखंड के किसानों की हालत का तत्काल सर्वे करा फौरी राहत पहुंचाने की मांग

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देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने लैंसडौन में बंदरों और सूअरों द्वारा किसानों की फसल पूरी तरह चौपट किए जाने को देखते हुए राज्य सरकार से किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि बंदरों और सूअरों के उत्पात से यहां के किसान अपने आंसू बहा रहे हैं सरकार है कि इसकी उसे कोई खबर नहीं है ।कमोबेश यही हालत गढ़वाल वह उत्तराखंड के तमाम क्षेत्रों में हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बंदरों और सूअरों के उत्पात से राज्य की आम जनता को निजात दिलाने के लिए तत्काल आपातकाल बैठक बुलाए जाने की मांग करते हुए इसके मुकाबले हेतु सर्व कालीन एक नीति बनाए जाने की मांग की।
लैंसडौन के आस-पास के गांव जिसमें जाखमल गांव, जाट तल्ला, असनखेत और रणाकोट जैसे कई गांव शामिल हैं मैं जंगली सूअरों और बंदरों ने किसानों की बैंगन आलू मूली लौकी मेथी आदि की फसल को चौपट कर दिया है है। यह लोग 20 नाली भूमि पर खेती-बाड़ी करते आ रहे हैं। इसमें उनकी अच्छी आजीविका चलती थी। परंतु फसल बंदरों सूअरों द्वारा चौपट कर दिए जाने से उनके घर का खर्च उठाना मुश्किल हो गया है। और वे बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं ।
धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री से अपील की है एक गांव की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री न केवल लैंसडाउन बल्कि गढ़वाल और समस्त उत्तराखंड के किसानों की फसलों का सर्वे करवाएं व जहां जहां किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है उनकी आर्थिक सहायता कर उन्हें राहत पहुंचाएं। धीरेंद्र प्रताप ने चेतावनी दी यदि किसानों को फौरी राहत ना पहुंचाई गई तो वे मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर सत्याग्रह करेंगे।

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