फरीदाबाद। शिक्षा विभाग फरीदाबाद के आदेशानुसार राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में विश्व शौचालय दिवस पर प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने पेंटिंग और सलोगन लिखो प्रतियोगिता का आयोजन किया। सैंट जॉन एंबुलेंस और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि विश्व शौचालय दिवस स्वच्छता के प्रति जनता का ध्यान दिलाने का प्रयास करता है। विश्व शौचालय दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता, सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति सभी को जागरूक करना है। साथ ही महिलाओं के प्रति यौन शोषण में वृद्धि को भी कम करना है। खुले में शौच करने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। संक्रमणों से बचाव के लिए लोगों का जागरूक होना नितांत आवश्यक है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान देते थे। उनका कहना था स्वच्छता ही सेवा है। इसके लिए देश भर में गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान चलाया जाता है। इस अवसर पर देश भर में विद्यालय, महाविद्यालय एवम विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है।यद्यपि पर्याप्त स्वच्छता तक पहुंच को मानव अधिकार के रूप में घोषित किया गया है लेकिन अभी भी अत्यधिक जनों के पास शौचालय को लेकर कोई भी स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं है। इसके अतिरिक्त जिन व्यक्तियों की पहुंच असुरक्षित और अशुद्ध शौचालय तक है उन्हें टाइफाइड, हैजा, डायरिया और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है । खुले में शौचालय जाने पर बच्चों और महिलाओं पर होने वाले यौन उत्पीड़न में भी वृद्धि की संभावना होती है। विश्व शौचालय दिवस का अंतिम उद्देश्य सभी व्यक्तियों को अपनी प्राथमिक आवश्यकताओं का ध्यान रखने के लिए सुरक्षा के डर के बिना अनुमति देना है। यह दिवस इस बात को सुनिश्चित करता है कि सभी की सुरक्षित शौचालय और स्वच्छता तक सभी की पहुंच हो। प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि इस वर्ष विश्व शौचालय दिवस 2022 की थीम स्वच्छता और भूजल है। विकासशील देशों में महिलाएं शौच जाने के लिए अपने घर छोड़ने पर यौन हिंसा के भय की अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रही हैं शौचालयों के पास या उसके आस पास के क्षेत्रों में महिलाओं के उत्पीड़न की रिपोर्ट आना होना बहुत सामान्य घटना है। उनके विरुद्ध ऐसी हिंसा का परिणाम मनोवैज्ञानिक और शारीरिक होता है जिसका प्रभाव समाज और परिवारों पर पड़ता है जो लिंग असमानताओं के साथ जी रहे हैं। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा, एक्टिविटीज कॉर्डिनेटर गीता, प्रज्ञा मित्तल, सोनिया जैन, कुलदीप सिंह, जितेंद्र, संदीप, अर्चना एवम छात्राओं ने पेटिंग और सलोगन लेखन द्वारा शौचालयों के महत्व से अवगत करवाया। प्राचार्य ने सभी सहयोगी अध्यापकों का आभार व्यक्त करते हुए इस संदेश को घर घर तक एवम घर के प्रत्येक सदस्यों तक पहुंचाने की अपील की।