देहरादून। आज भारतीय वाल्मीकि धर्मसमाज ‘‘भावधस’’ उत्तराखण्ड यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष अमर उज्जैनवाला (लड्डू) ने अवगत कराया कि उनके द्वारा एक ज्ञापन मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार को प्रेषित किया गया है जिसके माध्यम से अवगत कराया गया है कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा मानस खण्ड मंदिर माला मिशन योजना चलाई जा रही है जिसमें कुमॉयू मण्डल 16 मंदिरों को शामिल किया गया है जिसमें अल्मोड़ा के जागेश्वर मंदिर, चितई गोलू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, कसार देवी मंदिर, नन्दा देवी मंदिर, जनपद पिथौरागढ़ में पाताल भुवनेश्वर मंदिर, हाट कालिका मंदिर, जनपद बागेश्वर में बागनाथ मंदिर, बैजनाथ मंदिर, जनपद चम्पावत का पाताल रूद्रेश्वर मंदिर, मॉ पूर्णागिरी मंदिर, मॉ बाराही देवी मंदिर, बालेश्वर मंदिर, नैनीताल के नैना देवी मंदिर, कैंची धाम मंदिर एवं ऊधमसिंहनगर के चैती धाम मंदिर को शामिल किया गया है। विश्व प्रसिद्व वाल्मीकि तीर्थ सीतावनी (रामनगर) नैनीताल में भगवान वाल्मीकि ने यहीं रामायण लिखी थी जिस पर भगवान रामचन्द्र का पूरा चरित्र वर्णन है। परंतु इस मंदिर को इस योजना में शामिल नही किया गया है। यहां प्रत्येक वर्ष हजारों वाल्मीकि समाज के श्रद्वालु पूरे विश्व से 26 अप्रैल को यहां आते है। वर्षो से वाल्मीकि सामज इसके विकास की बात कह रहे हैं। 13 अक्टूबर 2022 को भी एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिला था लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुयी। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गयी है कि मुख्यमंत्री विश्व प्रसिद्व वाल्मीकि तीर्थ सीतावनी (रामनगर) नैनीताल को माला मिशन योजना में शामिल किये जाने के लिए उचित आदेश एवं दिशा निर्देश पारित करें।
ज्ञापन देने वालों मे मुख्य रूप से पंकज वाल्मीकि प्रदेश प्रवक्ता, शिवम् पंवार महानगर अध्यक्ष भावाधस देहरादून, महानगर मंत्री रोहित सोडियाल, सौरभ ढींगिया पूर्व जिलाध्यक्ष भावाधस, शुभम सौदे प्रदेश प्रचार मंत्री भावाधस शामिल थे।