श्रीराम कथा संस्कारों का झरना

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भगवती प्रसाद गोयल
ऋषिकेश, 2 जून। राज्यपाल केरल, आरिफ मोहम्मद खान साहब परमार्थ निकेतन पधारे। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों व आचार्यों ने शंख ध्वनि, पुष्प वर्षा और वेद मंत्रों से उनका अभिनन्दन किया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के जन्मदिवस, 3 जून के अवसर पर आयोजित हरित जन्मोत्सव का पर्यावरण सेवा महोत्सव में सहभाग हेतु परमार्थ निकेतन में भारत सहित विश्व से विभूतियां पधार रही हैं। स्वामी असंगानन्द सरस्वती, योगऋषि स्वामी रामदेव, आचार्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष मंहत रविन्द्र पुरी महाराज, स्वामी हरिचेतनानन्द, डा साध्वी भगवती सरस्वती, स्वामी दयाराम दास, कोटद्वार से स्वामी जयंतानन्द सरस्वती, साध्वी आभा सरस्वती, स्वामी केशवानन्द, स्वामी सनातन तीर्थ, स्वामी गंगेश्वरानन्द आदि अनेक संतों का पावन सान्निध्य कल हम सभी को प्राप्त होगा। जन्मोत्सव का कार्यक्रम प्रातःकाल से ही शुरू हो जायेगा परन्तु 34 दिवसीय मानस कथा में प्रातः 10ः30 मिनट पर विशेष अभिनन्दन, आशीर्वचन और संकल्प समारोह आयोजित किया जायेगा। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर, वित्त, शहरी विकास एवं आवास विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनर्गठन एवं जनगणना कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, तकनीकी शिक्षा, वन, भाषा एवं निर्वाचन कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मेदांता के विख्यात प्रोफेसर डा अरविंद कुमार, राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल, विख्यात कवि डा हरिओम पवार और अन्य विशिष्ट अतिथि सहभाग करेंगे।
आरिफ मोहम्मद खान साहब आज परमार्थ निकेतन पहुंचे जहां उन्होंने स्वामी महाराज से मुलाकात कर विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत का चरित्र अद्भुत है जहां पर कभी भी किसी को भी कोई शिकायत नहीं होती। हमारे शास्त्र भी हमें यही शिक्षा देते हैं कि परिस्थितियों का सामना कैसे करना है, कोई भी स्थिति सदैव एक जैसी नहीं रहती इसलिये उस से कैसे उबरना है यही भारत की दृष्टि है। रामायण हमें परिवार, घर और परिवारजनों को किसी भी परिस्थितियों से कैसे बाहर निकाले व सम्भाले इसका संदेश देती है।
स्वामी जी ने कहा कि देश कही अटक, भटक व लटक न जाये इसलिये हमें कथाओं का श्रवण करना चाहियें। परिवारों को संगठित व संस्कारित करने के लिये घरों में प्रतिदिन श्री रामचरित मानस का पाठ होना चाहिये। मानस के पाठ से जीवन भी सुन्दरकांड सा हो जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा परिवार में हो यही हम सभी को करना है।
स्वामी जी ने कहा कि श्री आरिफ मोहम्मद खान साहब कहते हैं कि भारत ज्ञान का नालेज का डेस्टिनेशन है, भारत ज्ञान, प्रज्ञा व शान्ति की भूमि है। वास्तव में भारत सदियों से पूरे विश्व को शान्ति का संदेश दे रहा हैं और हमारे खान साहब स्वयं भी विद्वान विभूति है। भारत की ज्ञान परम्परा का ऐसी दिव्य विभूतियों के चितंन व मनन से दिन प्रतिदिन संवर्द्धन हो रहा है। इस अवसर पर स्वामी जी डा एपीजे अब्दुल कलाम साहब को याद करते हुये कहा कि वे मिसाइल मैन थे, उन्होंने पूरे जीवन पर्यंत शान्ति की मिसाइले दागी। अद्भुत विचारधारा थी उनकी कि भारत की रक्षा, शिक्षा और शान्ति सदैव बनी रहे। दूसरे हमारे आरिफ मोहम्मद खान साहब जो भारत की प्रज्ञा के दर्शन कर अपने चिंतन के माध्यम से उसके वास्तविक स्वरूप को निखार रहे हैं। वास्तव में भारत की धरती कसाब की नहीं कलाम की धरती है, कलाम एक विचारधारा थे, एक व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व थे और आज उसी विचारधारा से भारत पूरी दुनिया में कमाल कर रही है। भारत ने सदैव हिंसा का नहीं अहिंसा का, अशान्ति का नहीं शान्ति का, घ्रणा का नहीं प्यार का, नफरत का नहीं मोहब्बत का संदेश दिया है।

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