फरीदाबाद. जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड द्वारा गर्वनमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया गया।विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य और सतत विकास के योगदान एवम खाद्य प्रदूषण को रोकना और प्रबंधन के लिए आकर्षित करना है। जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक वर्ष दस में से एक व्यक्ति की बीमारी दूषित भोजन के कारण होती है और प्रत्येक वर्ष चार लाख बीस हजार लोगों की मृत्यु का कारण दूषित भोजन होता है। इस बीमारी का संकट उन बच्चों में अधिक देखने को मिलता है जिनकी उम्र पांच वर्ष से कम है। डब्लू एच ओ के अनुसार प्रति वर्ष एक लाख पच्चीस हजार बच्चे दूषित भोजन के कारण अपनी जान गवां देते हैं। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि मानव स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की भूमिका महत्वपूर्ण है दूषित फूड क्वालिटी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है जिससे प्रभावित व्यक्ति के ग्रोथ और डेवलपमेंट पर अंतर पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन एफएओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में उन्हत्तर करोड़ से अधिक लोग प्रति दिन भूखे पेट सोते हैं। भारत में खाने के अभाव में हर दिन भूखे पेट सोने वाले लोगों की संख्या बीस करोड़ से अधिक है जब कि देश में हर वर्ष उत्पन्न होने वाला चालीस प्रतिशत खाद्य पदार्थ रखरखाव या आपूर्ति की अव्यवस्था के कारण दूषित हो जाता है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि अनुमान के अनुसार भारतीय प्रतिदिन दो सौ चवालीस करोड़ रुपए का भोजन व्यर्थ कर देते हैं। भारत में अनुमानत: प्रतिवर्ष तेईस करोड़ टन दालों, बारह करोड़ टन फलों और लगभग इक्कीस करोड़ टन सब्जियों की हानि के अतिरिक्त पार्टियों और अन्य सामाजिक आयोजनों में पंद्रह से बीस प्रतिशत भोजन व्यर्थ जाता है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि शुद्ध, पौष्टिक और मिलावट से मुक्त भोजन हर किसी का अधिकार है सभी मिलकर अपने अपने स्तर पर खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने का संकल्प लेंगे तभी हम खाद्य सुरक्षा और खाद्यान्न के महत्व को समझेंगे तथा भोजन को व्यर्थ करने से भी रोकेंगे। उन्होंने सभी युवाओं सामान्य नागरिकों को भोजन एवम खाद्य पदार्थों को व्यर्थ न करने के लिए प्रेरित किया तथा बताया कि भोजन उतना ही लें जितना हम खा सकें ताकि कुछ भी झूठा न बचे और भोजन व्यर्थ न जाए। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने खाद्य सुरक्षा पर सभी को खाद्यान्नों का समुचित और बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग करने पर जागरूक होने और जागरूक करने की अपील की।