देहरादून। आज उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के प्रवक्ता चिंतन सकलानी ने कहा कि कल सचिवालय कूच किया जाएगा जिसमें सबसे पहली मांग छूटे हुए राज्य आंदोलनकारी का चिन्हीकरण राज्य आंदोलन कार्यों की एक समान पेंशन जो कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने इसकी घोषणा काफी महीने पहले की थी जिसका जिओ अभी तक नहीं आया है इसमें काफी संगठनों ने हमारा समर्थन किया है जिन राज्य आंदोलनकारी ने राज्य बनाने के लिए अपना घर बाहर छोड़कर आंदोलन में कूद पड़े थे उन्हीं का आज सम्मान नहीं किया जा रहा है और उन्हीं की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है आंदोलनकारी की पेंशन यह पेंशन नहीं है यह भीख के समान है आंदोलनकारी की पेंशन सम्मान पेंशन 15000 होनी चाहिए अतः मेरा सरकार से निवेदन है कि आंदोलनकारी की मांगों को अनदेखा न करें नहीं तो जो आंदोलन 1994 में राज्य बनाने के लिए आंदोलन किया गया था इसके लिए आंदोलनकारी मजबूर ना हो.