देहरादून 7 सितंबर। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों पर न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कृषिमंत्री पर आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के आरोपों के मामले में विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) मनीष मिश्रा की अदालत द्वारा मंत्री परिषद से निर्णय लेने के निर्देश गम्भीर विषय है तथा इस पर राज्य सरकार के मुखिया को तत्काल निर्णय लेना चाहिए । करन माहरा ने कहा कि यह कोई पहला अवसर नहीं है जब भाजपा सरकार के किसी मंत्री पर आरोप लगे हों इससे पूर्व कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लग चुके हैं परन्तु मुख्यमंत्री की ओर से इन आरोपों का संज्ञान नही लिया गया है। अब चूंकि न्यायालय द्वारा कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के की अनुमति के निर्देश दिये गये है तो मामले की गम्भीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री से आशा करते हैं कि वे निर्णय लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आरटीआइ कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता विकेश नेगी ने कृषि मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए करीब दो माह पूर्व विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) मनीष मिश्रा की अदालत में एक प्रार्थना-पत्र दिया था। इसमें सतर्कता अधिष्ठान से कृषि मंत्री के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच का आग्रह किया गया था। न्यायालय की ओर से सतर्कता अधिष्ठान से इस संबंध में आख्या मांगी गई थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने यह भी कहा कि कृषि मंत्री गणेश जोशी का विवादों से लंबा नाता रहा है, गणेश जोशी पहले भी सीबीआई के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुन चुके है अब आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी जांच होनी है। जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए भी यह परीक्षा की घड़ी है तथा उन्हें स्वयं इस मामले का संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी को पद से हटाते हुए मामले में जांच बिठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री गणेश जोशी को मामले की जांच पूरी होने तक नैतिकता के आधार पर मंत्रि पद से त्यागपत्र देना चाहिए यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो महामहिम राज्यपाल को उन्हें मंत्रि परिषद से बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता पक्ष के नेता भी स्वयं चाहते हैं कि मामले की जांच हो इसीलिए पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने धामी सरकार को गीता का ज्ञान देते हुए कहा है कि यदि भ्रष्टाचार पर सरकार का जीरो टॉलरेंस का रवैया रहता है तो उसे धर्म का रास्ता हमें अपनाते हुए जिस व्यक्ति पर आरोप लगे हैं उसकी जांच करवाने के लिए सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।