संगीता राजपूत
चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस के अंदर उथल-पुथल कम होती नजर नहीं आ रही है। एक ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कवायद आलाकमान की ओर से जारी है। तो दूसरी ओर अमरिंदर सिंह की ओर से लंच पॉलिटिक्स खेला जा रहा है। सिद्धू पिछले 2 दिनों से दिल्ली में डटे हुए हैं। तो वही अमरिंदर विधायकों को एकजुट करने की कोशिश में हैं। पंजाब की राजनीति खासकर कांग्रेस के अंदर की राजनीति लगातार करवट ले रही है। माना जा रहा है कि आलाकमान ने सिद्धू को मना लिया है। वहीं, कैप्टन अमरिंदर इसके बाद विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। पहले खबर थी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नेताओं और विधायकों को अपने फार्महाउस में लंच के लिए बुलाया है। लेकिन आज अचानक लंच का पता बदल गया। जो खबर आ रही है उसके मुताबिक के लंच अब मुख्यमंत्री आवास पर होगा। देखना होगा कि पंजाब की राजनीति किस करवट लेती है। क्रिकेट की पिच से लेकर सियासत की पिच तक हर खेल में सिद्धू रोमांच और सस्पेंस पैदा करने में माहिर हैं। कैप्टन से खटपट को लेकर विरोधियों के बाउंसर के बीच दिल्ली दरबार में हाजिर लगाकर एक हिट में सबको चित कर दिया। माना ये जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने जो फॉर्मूला सिद्धू को दिया है उसपर वो राजी हो गया हैं। अब क्या उन्हें पद दिया जाता है ये अभी स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया है। सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी भी कीमत पर नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा पद देने के पक्ष में नहीं है। वह सिद्धू को ज्यादा महत्व भी नहीं देना चाहते हैं। देखना होगा कि ऐसे में पंजाब में कांग्रेस के भीतर के राजनीतिक किस करवट लेती है। लेकिन नजर इस बात पर भी होगी कि विधायकों और नेताओं के जमावड़े से कैप्टन अमरिंदर सिंह आलाकमान को क्या संदेश देते हैं।