चंडीगढ़। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है और इससे पहले प्रदेश की अमरिंदर सिंह सरकार की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। कांग्रेस के भीतर पनपे अंर्तकलह अभी थमा भी नहीं था कि अमरिंदर सिंह के सामने एक नई चुनौती आ गई। जिसके चलते मजबूरन बिजली की कटौती और उद्योगों पर पाबंदियां लगानी पड़ रही हैं।
उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी
प्रदेश में बिजली आपूर्ति में कथित अनियमितता से उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके खिलाफ लोगों ने कई जगह विरोध प्रदर्शन किए और सड़कों को जाम कर दिया। विपक्ष ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर राज्य में बिजली की मांग के अनुरूप आपूर्ति करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। वहीं अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पंजाब में 24 घंटे बिजली देने का दावा किया था।
केजरीवाल ने कहा था कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त हो जाएगी , घरेलू पुराने बिल को माफ होंगे और 24 घंटे बिजली मिलेगी। आपको बता दें कि भीषण गर्मी के बीच प्रदेश में प्रतिदिन बिजली की मांग 14,000 मेगावाट से अधिक हो गई है।
बंद करनी पड़ेगी एसी !
पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के मुताबिक बुधवार को राज्य में बिजली की मांग 14,142 मेगावाट तक पहुंच गई। जबकि आपूर्ति 12,842 मेगावाट की है। राज्य में बिजली की बढ़ती हुई मांग और बारिश नहीं होने के कारण पीएसपीसीएल ने गुरुवार को प्रदेश सरकार और सरकारी कार्यालयों से बिजली का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करने के अलावा तीन जुलाई तक वातानुकूलित (एसी) को बंद रखने की अपील की है।
बंद रहेंगी औद्योगिक इकाइयां
बिजली की भारी मांग के बीच में सेंट्रल जोन और नार्थ जोन की औद्योगिक इकाइयों को आज दोपहर 2 बजे से 48 घंटे के लिए बंद रखने को कहा गया है। अब शनिवार दोपहर 2 बजे के बाद ही औद्योगिक इकाइयों पर काम शुरू होगा।
पीएसपीसीएल के मुताबिक उसने तत्काल प्रभाव से बिजली के इस्तेमाल को लेकर औद्योगिक उपभोक्ताओं पर कुछ पाबंदियां लगाने के अलावा रोलिंग मिल, चाप और इंडक्शन भट्टियों समेत अन्य औद्योगिक इकाईयों को सप्ताह में पांच दिन ही काम करने की इजाजत दी है।
किसानों को भी हो रही दिक्कत
बता दें कि तलवंडी साबो ताप विद्युत संयंत्र की एक इकाई में खराबी के कारण मांग के अनुरूप बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है। इस बीच, धान की रोपाई के लिए आठ घंटे की बिजली आपूर्ति का वादा पूरा नहीं करने पर किसानों ने राज्य सरकार की आलोचना की है।