देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय संयोजक व पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ने आज कहा कि 14 जुलाई को राज्य आंदोलनकारी राजभवन का घेराव करेंगे। मनीष कुमार ने कहा की लगभग साढ़े 4 साल भाजपा सरकार को बने हुए हो गए हैं, परंतु इसने राज्य आंदोलनकारियों की कोई सुध नहीं ली। जबकि 3-3 मुख्यमंत्री इस सरकार ने राज्य को दिए हैं जो कि एक मखोल बन गया है। आंदोलनकारी लगभग सभी मुख्यमंत्रियों से वार्ता कर चुके हैं, परंतु किसी ने भी कोई सकारात्मक कार्यवाही आंदोलनकारियों की समस्याओं के संदर्भ में नहीं की। राजभवन ने 10 प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण का मसला दबाए रखा जिस पर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं की है। जो लोग राज्य आंदोलनकारी होते हुए भी चिन्हित ना होने की वजह से अपने, चिह्नीकरण की मांग कर रहे हैं यह भी एक बड़ा मुद्दा है। पूर्व में समाचार पत्रों की कतरन को जिस प्रकार से आधार बनाकर राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हित किया गया था और अब सरकार ने उस शासनादेश को निरस्त करके एक बहुत बड़ा छलावा व विश्वासघात आंदोलनकारियों के साथ किया है। केवल कुछ आंदोलनकारी चिह्नीकरण के लिए बचे हैं, वह भी राज्य सरकार नहीं कर रही है, बड़े खेद और दुख का विषय है कि राज्य सरकार इतनी संवेदनहीन हो गई है। पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने जो राज्य आंदोलनकारियों के लिए किया है वह किसी से छुपा नहीं है। राज्य आंदोलनकारी कल्याण बोर्ड बनाएं और आंदोलनकारियों की समस्याओं का निराकरण किया। परंतु जब से यह भाजपा सरकार आई है इन्होंने केवल और केवल आश्वासन और झूठी बातें ही करी हैं। और राज्य आंदोलनकारी कल्याण बोर्ड का गठन आज तक नहीं किया इससे इनकी मानसिकता का पता चलता है।