देहरादून, 13 जुलाई। पूर्व राज्य मंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य मनीष कुमार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बायोमेट्रिक से राशन वितरण करना, इस कोरोना महामारी में असंभव व जनहित में नहीं है, क्योंकि यह बीमारी एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है और बायोमेट्रिक करने पर इस बीमारी के जनता में फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है। जैसा की संभावित तीसरी लहर का अंदेशा बताया जा रहा है, ऐसे में सरकार द्वारा जबरदस्ती बायोमेट्रिक से राशन वितरण कराना जनता के प्राणों के साथ खिलवाड़ है। राशन विक्रेता भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। पूर्व में भी कई राशन विक्रेताओं की कोरोना महामारी से मृत्यु हुई है। ऐसे में कोरोना के तुरंत फैलने का खतरा हो जाएगा। सरकार यह बताएं की इस कोरोना महामारी में सरकारी विभागों में कितना पर्सेंट बायोमेट्रिक से एंट्री हो रही है। जब इन विभागों में बायोमेट्रिक से उपस्थिति दर्ज नहीं हो रही, तो राशन विक्रेताओं को जबरदस्ती बायोमेट्रिक करने के लिए क्यों कहा जा रहा है। जहां किसी भी भाग में 20 या 25 कर्मचारी हैं, वहां पर तो बायोमेट्रिक उपस्थिति शून्य है। परंतु राशन विक्रेताओं को सरकार इस कोरोना महामारी में झोंकने में लगी हुई है। सरकार द्वारा आज तक ना तो राशन विक्रेताओं को मास्क सैनिटाइजर ,पीपीआई किट, थर्मल स्कैनर ही दिया गया है, और ना ही इनका अलग से टीकाकरण हुआ है। जबकि यह लोग प्रतिदिन सैकड़ों लोगों के संपर्क में आते हैं और अपनी जान जोखिम में डालकर पूरे कोरोना काल में राशन वितरण किया। मनीष कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करी की तत्काल बायोमेट्रिक से राशन वितरण करने पर रोक लगाएं। कहीं ऐसा ना हो कोरोना महामारी जो रुकी है फिर से फैल जाए। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।