देहरादून 20 जुलाई। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने आज पत्रकारों से बातचीत में ऐलान किया है कि यदि राज्य सरकार ने राज्य निर्माण आंदोलनकारियो का शोषण बंद नहीं किया तो राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और राज्य सरकार के दमन के विरुद्ध हर संभव “आंदोलनकारी संघर्ष “तेज किया जाएगा। ऋषिकेश में राज्य सरकार का पुतला फूंकने के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज राज्य आंदोलनकारियों ने ऋषिकेश, नैनीताल में हल्द्वानी, चमोली जनपद में करणप्रयाग और अन्य कई स्थानों पर जिसमें अल्मोड़ा में द्वाराहाट भी शामिल है। राज्य सरकार के पुतले फुके गए और 14 जुलाई को राजभवन के किए गए घेराव में शामिल 200 आंदोलनकारियों पर किए गए मुकदमों के विरुद्ध हजारों आंदोलनकारी सड़कों पर उतरे हैं। प्रताप ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के संघर्षों का परिणाम है। परंतु भाजपा के राज में आंदोलनकारियों को भिखारी बना दिया गया है यही कारण है कि अब आंदोलनकारी संघर्ष पर आमादा है और जिस तरह से हम पर मुकदमा बनाए गए हैं हमें डराया जा रहा है हम सरकार से कहना चाहते हैं यदि वह हमें जेल भेजना चाहती है तो हम जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने सरकार से तत्काल 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण लागू किए जाने की मांग की और राज्य आंदोलनकारियों को समान पेंशन दिए जाने पर जोर दिया। इस मौके पर उनके साथ समिति के केंद्रीय संयोजक मनीष कुमार, केंद्रीय सचिव मधु थापा, संयुक्त सचिव नरेंद्र सेठियाल भी मौजूद थे।