देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रणेता, पहाड़ के गाँधी स्व. इंद्रमणि बड़ोंनी की 22 वीं पुण्यतिथि पर उक्रांद ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। पार्टी कार्यालय में श्रद्धांजलि देने के पश्चात् घंटाघर स्थित प्रतिमा में श्रद्धांजलि देते हुए सभा की गई। जिसकी अध्यक्षतात्रिवेंद्र सिंह पंवार ने की। स्व. बड़ोनी को याद करते हुए वक्ताओं ने कहाँ कि स्व. बड़ोनी ने आज के ही दिन 1999 में अपनी देह त्यागी, आखिरी बार उनके मुंह से उत्तराखंड शब्द निकला। अंतिम सांस तक उत्तराखंड उनमें बसा था। उनका जन्म सन 1924 में टिहरी जनपद के अखोड़ी गाँव में हुआ। सन 1967,1969,1977 में देवप्रयाग विधानसभा से विधायक चुने थे। सन 1981 में उक्रांद में शामिल होकर पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन की अगुवाई की। पर्वतीय जनपदों में वन अधिनियम विकास का रोड़ा बना था, बड़ोनी जी ने अधिनियम के खिलाफ आंदोलन किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि उक्रांद की सरकार बनने पर बड़ोनी जी के नाम रोजगार योजना तथा पुरुष्कार देगा। उत्तराखंड राज्य आंदोलन को गांधीवादी से उन्होंने चलाया। इसी लिए उनको पहाड़ के गाँधी के नाम से जाना जाता हैं। इस अवसर पर बीडी रतूड़ी, सुनील ध्यानी, जय प्रकाश उपाध्याय, बहादुर रावत, कुंवर प्रताप, जब्बर सिंह पावेल, शकुंतला रावत, राजेंद्र बिष्ट, बृज मोहन सजवाण, राजेंद्र प्रधान, उत्तम रावत, कमल कांत, दिनेश नेगी, वीरेंद्र रावत, अंकेश भण्डारी, नरेश बोठियाल, विनीत सकलानी, किरन रावत कश्यप, सुलोचना इष्टवाल, दीपक मधवाल, सरोज रावत, प्रवीन रमोला, राजेंद्र गुसाईं, सुशील विरमानी,सुमित डंगवाल,सचिन नौटियाल, सुमित,राजेंद्र प्रधान, सुरेश आर्य, अनिल डोभाल आदि थे।