देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र के दौरान जहां विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है, वहीं सरकार ने भी इसी हिसाब से अपनी रणनीति तैयार की है। ऐसे में सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के दौरान अनुपूरक बजट, दो सरकारी व दो असरकारी विधेयक भी पेश किए जाएंगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष के 19 विधायकों ने सत्र के लिए 788 सवाल लगाए हैं। पहले दिन मौजूदा विधानसभा के दो दिवंगत विधायकों डा इंदिरा हृदयेश (पूर्व मंत्री व नेता प्रतिपक्ष) व गोपाल रावत के अलावा पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह भंडारी, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री बची सिंह रावत, पूर्व विधायक अंबरीष कुमार व श्रीचंद, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। उत्तराखंड की भाजपा सरकार में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद विधानसभा का यह पहला सत्र है। सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर नेता सदन पहली मर्तबा मौजूद रहे तो नेता प्रतिपक्ष के रूप में प्रीतम सिंह। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पिछले सत्रों की भांति इस बार भी सभामंडप का विस्तार किया गया। विधानसभा सत्र शुरू होने पर सबसे पहले विश्व विख्यात पर्यावरणविद्,पदम विभूषण और चिपको आंदोलन के प्रणेता स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा को सदन की गैलरी में श्रद्धांजलि दी गई। सदन में प्रवेश करते वक्त उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों और विधायकों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इससे पहले उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अपने कार्यालय में स्व. सुंदरलाल बहुगुणा के बेटे राजीव नयन बहुगुणा और बेटी मधु पाठक को शॉल ओढ़ाकर और गंगाजली भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक देशराज कर्णवाल, विधायक संजय गुप्ता, विधायक राजकुमार ठुकराल सहित अन्य नेता गण मौजूद थे।