नेत्रदान जागरूकता से ही अंधेरी दुनिया में उजाला संभव

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फरीदाबाद। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, जूनियर रेडक्रॉस तथा गाइडस द्वारा 36 वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडे में नेत्रदान जागरूकता द्वारा अंधेरी दुनिया में उजाला लाने के लिए अवेयरनेस कार्यक्रम आयोजित किया गया। ब्रिगेड अधिकारी, जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर तथा प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने सभी से मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने को पारिवारिक परम्परा बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि हर वर्ष 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है। इसका उद्देश्य नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करना है। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि देखने का अधिकार मानव के मूल अधिकारों में से एक है। अत: यह आवश्यक है कि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक दृष्टिहीन न होने पाए और यदि है तो दृष्टिहीन न रहने पाए। इसी उद्देश्य को लेकर दृष्टिविहीनता कार्यक्रम के अंतर्गत नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है।उन्होंने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति की मृत्यु के छह घंटे के अंदर ही कार्निया लिया जा सकता है। एक व्यक्ति की आंखों से दो नेत्रहीन लोगों की जिंदगी में रोशनी लौटाई जा सकती है। दान में मिला कार्निया खरीदा या बेचा नहीं जा सकता। नेत्रदान किसी भी उम्र, रक्त समूह और व्यक्ति की ओर से किया जा सकता है। कॉर्निया में चोट या किसी बीमारी के कारण कॉर्निया को क्षति होने पर दृष्टिहीनता को ठीक किया जा सकता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि हर वर्ष लगभग एक लाख कार्निया की जरूरत होती है जबकि अज्ञानता एवं जागरूकता के अभाव में मात्र 30 हजार कॉर्निया का ही प्रत्यारोपण किया जाता है। यह सुविधा छोटे जिलों में भी उपलब्ध नहीं हो पाती है। कॉर्निया के अंधेपन के रोकथाम के लिए नेत्र प्रत्यारोपण के साथ-साथ कॉर्निया से होने वाले नुकसान को बचाया जाना जरूरी है। आज प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा और कॉर्डिनेटर गणित प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर ने नेत्रदान के लिए प्रेरित करने के लिए पोस्टर बनाने के लिए छात्रा सृष्टि, सुमन, काजल, निशा, कशिश, कविता, दिव्या और करुणा का अभिनंदन करते हुए सभी से इस पुण्य कार्य में जुड़ने का आह्वान किया।

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