देहरादून। उत्तराखंड के नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह बुधवार को सुबह 10.45 बजे राजभवन में राज्यपाल पद की शपथ लेंगे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। राजभवन की ओर से उनके शपथ ग्रहण समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है। उन्हें चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। वह करीब चार दशकों तक सैन्य सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेवानिवृत्त हुए। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों में अहम भूमिका निभाई है। सीमा से जुड़े मसलों और सैन्य विषयों पर वार्तालाप के लिए सात बार से ज्यादा वह चीन के दौरे कर चुके हैं। इसी सिलसिले में वह दो बार पाकिस्तान का भी दौरा कर चुके हैं। वह ईरान में संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के प्रेक्षक भी रह चुके हैं। ईरान-ईराक सीमा पर उनका काम शानदार रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) कार्यवा क जैसे एनजीओ में अहम रोल निभाते रहे हैं । यह संगठन ऐसे विशिष्ट लोगों से संबंधित है जो अपनी आय का 10 फीसदी समाज सेवा में देते हैं।
उत्तराखंड के राज्यपाल बनाए गए लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह का मानना है कि देवभूमि तभी बुलाती है जब आपके सिर पर ईश्वर का आशीर्वाद हो और सृष्टि का वरदान हो। यह सौभाग्य है कि उन्हें सैनिकों, संतों और विद्वानों की भूमि पर सेवा करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। राज्य के आठवें और सैन्य पृष्ठभूमि वाले पहले राज्यपाल गुरमीत सिंह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से बाखूबी वाकिफ हैं। उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया। सेना में सेवा के दौरान वह चंपावत के बनबसा में तैनात रहे। वह कहते हैं, 1996 से 1999 तक में मैं बनबसा में रहा। यानी राज्य के पर्वतीय परिवेश की भी उन्हें जानकारी है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह का उत्तराखंड के प्रति बहुत सम्मान है। वह कहते हैं गुरू गोविंद सिंह जी का स्वरूप सैनिक, संत और विद्वान का था। उत्तराखंड सैनिकों, संतों और विद्वानों की भूमि है। यहां सैनिक भी हैं, संत भी हैं और विद्वान भी हैं। ऐसी सैन्य और देवभूमि में सेवा का अवसर मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
प्रथम राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला के बाद ले.ज. सिंह प्रदेश के दूसरे सिख राज्यपाल हैं। साथ ही वह वरिष्ठ पूर्व सैन्य अफसर भी रह चुके हैं। सेना के पूर्व ऑफिसर को राज्यपाल बनाकर भाजपा राजनीतिक रूप से बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
राज्यपाल कार्यकाल
सुरजीत सिंह बरनाला 09-11-2000 से 07-01-2003
सुदर्शन अग्रवाल 08-01 2003 से 20-10 2007
बीएल जोशी 29-10-2007 से 05-08-2009
मार्गरेट अल्वा 6-08-2009 से 14-05-2012
अजीज कुरैशी 15-05-2012 से 08-01-2015
कृष्णकांत पॉल 08-01-2015 से 25-08-20018
बेबीरानी मौर्य 26-08-2018 से 08-09-2021
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह 09-09-2021 से अबतक