त्याग और दान में महान् अन्तर

उत्तराखंड धर्म

देहरादून। पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व दसलक्षण धर्म जो हमारे परम पूज्य 108 मुनि श्री विबुद्ध सागर जी एवं 105 क्षुल्लक श्री समर्पण सागर जी महाराज सानिध्य में हो रहा है।जिसमे प्रातः प्रक्षाल पूजन बड़ी भक्ति और आनंद के साथ निरंतर किया जा रहा है आज उत्तम त्याग धर्म दिवस पर प्रवचन देते हुए महाराज श्री बताते है। कि आमतौर पर दान करने को ही त्याग कहा व समझा जाता है। लेकिन त्याग और दान में महान् अन्तर है, दान किया जाता है किसी उद्देश्य के लिए, परोपकार के लिए जबकि त्याग किया जाता है संयम के लिए। दान करने से पुण्य बन्ध होता है, त्याग करना धर्म है। धन का लोभ नहीं छूटता वह एक लाख दान में देता है तो दो लाख कमाने को आतुर रहता है लेकिन त्यागी जो त्याग देता है फिर उसके चक्कर में नहीं रहता। त्याग होता है कषायों का मोह- राग-द्वेष का अहंकार का त्याग करने से आत्मा को बल मिलता है। मोक्ष मार्ग की वृद्धि होती है।
इस अवसर पर जैन भवन मंत्री संदीप जैन ने आज के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा जैसा कि प्रतिदिन रात्रि में सभी संस्थाएं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए कार्यक्रम के द्वारा धर्म प्रभावना को लेकर बेहतरीन प्रस्तुति दे रही है उसी श्रंखला में आज दिगंबर जैन महासमिति महिला इकाई के तत्वाधान में लघु नाटिका 1 दिन का सत्य प्रस्तुत की गई जिसका उद्देश्य यह था। एक चोर ने प्रवचन जिसमें उसने सुना कि सत्य बोलना चाहिए उसने भी निर्णय किया कि सच बोल के देखता हूं वह सत्य बोल कर चोरी कर कर आ गया सफल हो गया पकड़ा गया तब भी सच ही बोला अंत में वह राज्य का उत्तराधिकारी घोषित हो गया।
इस अवसर पर मीडिया प्रभारी मधु सचिन जैन भवन मंत्री संदीप जैन हर्ष जैन महामंत्री संयोजक आशीष जैन अर्जुन जैन सुखमाल जैन दिगंबर जैन महासमिति महिला इकाई के सदस्य रीता जैन अध्यक्ष मंजू जैन मंत्री कोषाध्यक्ष शेफाली जैन अन्य सदस्य बीना जैन,अलका,अमर उजाला अलका नहर वाली अलका कर्जन रोड अलका झंडे बाजार उमा सुभाष रोड रेखा ,प्रीति ,प्रभा ,चारूं रश्मि ,नीतू उमा आदि। मंजू जैन ओल्ड सर्वे रोड आदि महिलाएं उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *