देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने आगामी 9 और 10 दिसंबर को गैरसेंण में होने वाले विधानसभा सत्र को राज्य सरकार द्वारा रद्द किए जाने के फैसले की कड़ी निंदा की है। धीरेंद्र प्रताप ने गैरसैंण सत्र को देहरादून में आयोजित किए जाने के फैसले को राज्य आंदोलनकारियों के सपनों को आघात पहुंचाने वाला कदम बताया। श्री प्रताप ने कहा है कि राज्य आंदोलनकारियों ने गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर लंबा संघर्ष किया था, परंतु अब राज्य सरकार वहां 2 दिन के लिए भी सत्र करने को तैयार नहीं है। उन्होंने सरकार के इस फैसले को गांव विरोधी और पहाड़ विरोधी फैसला बताया और कहा कि राज्य के साडे 16000 गांव की वैभूति के लिए गैरसेंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग राज्य आंदोलनकारी शहीदों ने की थी। यही नहीं राज्य के पर्वतीय अंचलों में विकास की नई रोशनी आए यह सपना भी आंदोलनकारियों ने देखा था। परंतु बार-बार सरकार द्वारा गैरसेंण में आंदोलनकारी सत्र आयोजित किए जाने की घोषणा किया जाना और बार-बार उसे वापस लेकर देहरादून में ही विधानसभा सत्र आयोजित किया जाना यह साबित करता है कि राज्य सरकार राज्य के पर्वतीय अंचलों के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है।