देहरादून। उत्तराखण्ड पंजाबी संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर जसविन्दर सिंह (गोगी) ने राजधानी दून मे आयोजित पत्रकार वार्ता मे 1947 के बाद विस्थापित परिवारों को मालिकाना हक प्रदान करने की मांग उठाई हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की उत्तराखण्ड में पंजाबी सिख समाज को अधिक राजनीति प्रतिनिधित्व देने के लिये सभी राजनीतिक पार्टियों को सिख व पंजाबी सामाज के प्रत्याशियों को टिकट प्रदान करना चाहिये।
आज दोपहर 12.30 बजे उत्तरांचल प्रेस क्लब के निकट स्थित एक रेस्टोरेंट मे आयोजित पत्रकार वार्ता मे उत्तराखण्ड पंजाबी संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर जसविन्दर सिंह (गोगी) ने कहा की पंजाबी समाज की मूलभूत व अत्यन्त आवश्यक मांगों को राज्य निर्माण के 20 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद भी निवारण नहीं हो पाया है, इसका बहुत बड़ा कारण सरकार में सिख व पंजाबी समाज का प्रतिनिधित्व का नहीं होना है। समानता ये देखा गया है कि सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा समाज की समस्याओं के लिए बड़े-बड़े वायदे किये जाते हैं लेकिन जो कि चुनाव समाप्त होते ही भुला दिये जाते हैं। राज्य के अस्तित्व में आने पूर्व से समाज की कई अत्यधिक आवश्यक मांगे लम्बित चली आ रहे है. जिसमें सबसे प्रमुख गुरुद्वारा ज्ञान गोढडी साहिब (हरिद्वार) की जमीन आवंटन की मांग है। उन्होंने यह भी कहा की भाट बिरादरी व सिक्लीगर बिरादरी को अनुसूचित जाति में शामिल की जाये। पंजाबी विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तराखंड मे होनी चाहिये, इसके साथ ही पंजाबी भाषा को द्वितीय भाषा का दर्जा मिलना चाहिये। 1947 के बाद विस्थापित परिवारों को मालिकाना हक भी प्रदान किया जाये। प्रेमनगर में त्यागी मार्केट के पुर्नावास की मांग भी उनके द्वारा की गई।
उत्तराखण्ड पंजाबी संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर जसविन्दर सिंह (गोगी) ने कहा की इन मागों को पूर्ण कराने के लिये सिख व पंजाबी समाज का राजनैतिक स्तर पर पूर्ण प्रतिनिधित्व अति आवश्यक है। जिसे समाज की मांगों को सरकार के समक्ष प्रमुखता से प्रस्तुत किया जा सके। उत्तराखण्ड पंजाबी संगठन व सभी पंजाबी व सिख संगठन इस बात के लिए सभी राजनैतिक पार्टियों के समान अपनी मांग रखते हैं कि आने वाले 2022 विधान सभा चुनाव के अन्दर सभी राजनैतिक पार्टियाँ सिख, पंजाबी समाज के प्रत्याशियों को प्राथमिकता दे। प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी अध्यक्ष पंजाबी संगठन, पंकज मेसन, जितेंद्र तनेजा, सरदार जसबीर सिंह, सरदार अमरजीत भसीन, जसबीर रांटोरा, अमन रंधावा, देवेंद्र सिंह उपस्थित थे।