लखनऊ, 20 जनवरी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल इस वर्ष गणतन्त्र दिवस परेड में ‘मंगलमय है वह जगह जहाँ प्रभु महिमा गाई जाती है’ विषय पर एक अनूठी झाँकी प्रदर्शित करने जा रहा है। यह झाँकी बनकर लगभग तैयार हो चुकी है। सी.एम.एस. की यह अनूठी झाँकी आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को दिखाई गई। इस अवसर पर सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने झाँकी के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सी.एम.एस. की यह झाँकी ‘ईश्वर की महिमा’ का गुणगान कर एकता व शांति का संदेश पूरे विश्व को देती है। इसके साथ ही यह अनूठी झाँकी ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की महान संस्कृति एवं ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ की भावनाओं से भी जनमानस को अवगत कराती है। डा. गाँधी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह झाँकी गणतन्त्र दिवस परेड में जनमानस के विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी।
इस अवसर पर सी.एम.एस. चौक कैम्पस की छात्राओं ने झाँकी गीत ‘मंगलमय है वह जगह जहाँ प्रभु महिमा गाई जाती है’ की प्रेरणादायी पंक्तियों पर मनभावन नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया तथापि झाँकी गीत के माध्यम से धरती को स्वर्ग बनाने का आह्वान किया। झाँकी गीत पर मनमोहक प्रदर्शन करने वाली सी.एम.एस. चौक कैम्पस की छात्राओं में आद्या मेहरोत्रा, अनुष्का शर्मा, रिद्धि जैन, पलक सिंह, विदुषी सक्सेना, अरात्रिका सिंह, अंदलीब फातिमा, इंशा फातिमा, अनन्या चंदना एवं आरुषी चौधरी प्रमुख हैं। प्रेस कान्फ्रेन्स में डा. गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. की यह झाँकी मात्र प्रदर्शन भर के लिए नहीं है अपितु इसके पीछे संदेश है कि एकता, शान्ति व सद्भाव ही विश्व मानवता के फलने-फूलने का एकमात्र विकल्प है।
झाँकी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए डा. गाँधी ने बताया कि सी.एम.एस. की यह झाँकी पाँच भागों में हैं और सभी भाग एक अनूठे ढंग से ‘मानवता के कल्याण’ का संदेश दे रहे हैं। इस झाँकी के प्रथम भाग में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश दिया गया है जबकि द्वितीय भाग में विभिन्न पूजा स्थलों के माध्यम से यह प्रदर्शित किया गया है कि सभी धर्मों का स्रोत एक ही परमपिता परमात्मा है। इसी छत के नीचे झाँकी गीत ‘मंगलमय है वह जगह जहाँ प्रभु महिमा गाई जाती है’ पर सी.एम.एस. छात्राएं नृत्य प्रस्तुत करेंगी। झाँकी के तृतीय भाग में वसुधैव कुटुम्बकम के प्रतीक प्रभु राम की जन्म स्थली अयोध्या में भव्य राम मंदिर द्वारा एकता के सपने को साकार होता दिखाया गया है। झाँकी के चतुर्थ भाग में संत विनोबा भावे, स्वामी विवेकानंद, संत सूरदास, स्वामी रामतीर्थ, संत मदर टेरेसा, संत कबीर एवं धर्मगुरू दलाई लामा के माध्यम से विश्व मानवता से प्रेम करने का संदेश प्रसारित होगा। झाँकी के पाँचवे व अन्तिम भाग में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ तथा ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ की उदार भावना के अनुरूप विश्व मानवता के कल्याण हेतु एकता, शान्ति व सौहार्द का संदेश प्रसारित किया गया है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड के उपरान्त यह झाँकी 27 जनवरी से सी.एम.एस. कानपुर रोड प्रांगण में लखनऊ के सभी के अवलोकनार्थ रखी जायेगी। झाँकी से प्रेरणा लेकर यदि एक भी नागरिक समाज को एकता व शान्ति के सूत्र में पिरोने का संकल्प लेता है तो हमारा प्रयास सार्थक होगा।