देहरादून। कांग्रेस नेता अकील अहमद ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही तो भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया। मुख्यमंत्री ने आरोप दागा कि आजादी के बाद से ही कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण किया और पूर्व कांग्रेस सरकार में भी पार्टी इसी फार्मूले पर चली। धामी ने कहा कि पूर्व सरकार में जुमे की नमाज की छुट्टी तक दे दी गई। धार्मिक तुष्टिकरण के मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना करने से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी नहीं चूके। उन्होंने भी मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस पर प्रहार किया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे भाजपा नेताओं की साजिश करार दिया।
गौरतलब हैं की धार्मिक तुष्टिकरण का विवाद कांग्रेस नेता अकील अहमद के बयान शुरू हुआ। अकील अहमद सहसपुर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। लेकिन पार्टी ने आर्येंद्र शर्मा को उम्मीदवार बनाया। अकील उन दावेदारों में शामिल थे, जो पार्टी के खिलाफ विद्रोही तेवर दिखा रहे थे। लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं के मनाने से मान गए। इस दौरान अकील अहमद का यह बयान आया, मेरा कांग्रेस पार्टी से जिन मुद्दों पर समझौता हुआ है, उनमें मैंने कहा है कि प्रदेश में एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी होनी चाहिए, जिसमें मुस्लिम बच्चे पढ़ाई कर सकें और शिक्षित हो सकें। इन सभी मसलों पर प्रभारी से बात हुई है। हरीश रावत जी से बात हुई। उन्होंने भी कहा कि मैं मुख्यमंत्री बनता हूं तो सारे काम होंगे।
उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की देश की आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है। इनकी पिछली सरकार में भी तुष्टिकरण देखा गया। जब किसी दिन छुट्टी नहीं होती थी, इन्होंने जुमे की नमाज के लिए छुट्टी की। अब ये चुनाव में चारधाम की बात कर रहे हैं। देवभूमि में इनका चारधाम का मतलब यही है कि उत्तराखंड में ये मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनवाएंगे। कांग्रेस ने हमेशा वोटों की राजनीति की है। इन्हें कभी प्रदेश व देश को आगे बढ़ाने की बात नहीं की। आज भी वह वोटों के लिए सौदा कर रहे हैं। लेकिन प्रदेश की देश भक्त और राम भक्त जनता इनकी चालों को अच्छी तरह समझती है।
मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर भड़के विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अकील अहमद के बयान को भाजपा को लोग सोची समझी साजिश के तहत तूल दे रहे हैं। जब हमने संस्कृति यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही तो इस पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन किसी मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर कुछ दिया तो इसे तूल दिया जा रहा है।