देहरादून। किसान धरती का अन्नदाता है किसान अपनी फसल मेहनत और लगन से अपना पसी ना बहाकर बोता है। है अगर उसे समय से उस फसल का लाभ ना मिले तो उसके दिल पर क्या बीतती होगी यह तो किसान व उसका परिवार जानता होगा यही बात कर्मचारियों के ऊपर भी लागू होती है कर्मचारी दिन रात मेहनत करके कार्य करता है अगर उसे समय से वेतन ना मिले तो उसको कितना दुख होता है मगर डोईवाला चीनी मिल के हालात आज कुछ और ही है डोईवाला चीनी मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह कर्मचारी एवं किसानों की पीड़ा को समझते हैं चीनी मिल में गन्ना लेकर आए किसान गोविंद सिंह ने बताया कि। इस बार डोईवाला चीनी मिल ने इतिहास रच दिया किसानों की जितनी भी समस्या थी वह समय से पूरी हो रही है आज किसान अपने आप को खुशाल महसूस कर रहा है जो किसान गन्ने का सही समय पर भुगतान न होने के कारण अपने खेतों में गन्ना नहीं बो रहे थे वो किसान इस बार अपने खेतों में गन्ना बो रहे हैं डोईवाला के ही किसान सोबित,मो0 अनीश व अमित वर्मा ने बताया कि समय पर गन्ने का भुगतान किया जा रहा है डोईवाला चीनी मिल के अधिशासी निर्देशक द्वारा समय-समय पर किसानों के साथ गोष्ठिया कर उनकी समस्याओं को सुना जाता है पहले गन्ना गेट पर घंटों दिन भर गड्डी लेकर किसानों को फैक्ट्री के बाहर खड़े होना पड़ता था सही प्रकार से चीनी मिल की व्यवस्था नहीं थी मगर इस बार किसानों का गन्ना समय से फैक्ट्री के अंदर सप्लाई हो रहा है और घंटों इंतजार नहीं करना पड़ता है ओर सड़को पर जाम भी नही लगता जो व्यवस्था आज डोईवाला चीनी मिल में है वह सराहनीय है किसान समय से गन्ने की बुवाई कर रहा है। और गन्ने का भुगतान सही होने से उनको आने वाली जो घर में परेशानियां थी वह भी दूर हो गई है नहीं तो किसानों को सालों गन्ने के भुगतान का इंतजार करना पड़ता था चीनी मिल मजदूर संघ के अध्यक्ष पूर्व सभासद गोपाल शर्मा ने कहा कि इस बार डोईवाला चीनी मिल इतिहास रचेगी वही पुरानी मशीनरी है उन्ही मशीनों से काम लिया जा रहा है जिससे बेहतर चीनी बन रही है और गन्ना भी फैक्ट्री में साफ सुथरा आ रहा है डोईवाला चीनी मिल उत्तराखंड की नंबर वन चीनी मिल बन गई है जिसका सीधा श्रेय डोईवाला चीनी मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह जी को जाता है जिन्होंने दिन रात मेहनत करके चीनी मिल को उच्चाइयो तक पहुचाया।