गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में शिक्षा विभाग के आदेशानुसार प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा के निर्देशानुसार विद्यार्थियों को चंद्रयान-3 की लैंडिंग को प्रत्यक्ष दिखाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है जो चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और रोविंग की एंड-टू-एंड क्षमता प्रदर्शित करता है। इसमें लैंडर और रोवर विन्यास शामिल हैं। इसे एलवीएम 3 द्वारा एस डी एस सी शार, श्रीहरिकोटा से प्रमोचित किया गया था। विद्यालय की जे आर सी एवम ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य मनचंदा ने विद्यार्थियों को बताया कि चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल एलएम, प्रोपल्शन मॉड्यूल पीएम और एक रोवर सम्मिलित है जिसका उद्देश्य अंतरग्रहीय मिशनों के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित और प्रदर्शित करना है। लैंडर के पास निर्दिष्ट चंद्र स्थल पर सॉफ्ट लैंड करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता है जो इसकी गतिशीलता के दौरान चंद्र सतह के इन सीटू रासायनिक विश्लेषण करेगा। लैंडर और रोवर के पास चंद्र सतह पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक नीतभार हैं। पीएम का मुख्य कार्य एलएम को लॉन्च व्हीकल इंजेक्शन से अंतिम चंद्र 100 किमी गोलाकार ध्रुवीय कक्षा तक ले जाना और एलएम को पीएम से अलग करना है। इसके अतिरिक्त प्रणोदन मॉड्यूल में मूल्यवर्धन के रूप में एक वैज्ञानिक नीतभार भी है जिसे लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के बाद संचालित किया जाएगा। चंद्रयान-3 के लिए चिन्हित किया गया लॉन्चर एलवीएम 3 एम 4 है जो एकीकृत मॉड्यूल को ~170×36500 किमी आकार के एलिप्टिक पार्किंग ऑर्बिट ई पी ओ में स्थापित करेगा। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि
चंद्रयान-3 के मिशन के प्रमुख उद्देश्यों में
चंद्र सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना
रोवर को चंद्रमा पर भ्रमण का प्रदर्शन करना और
यथास्थिति वैज्ञानिक प्रयोग करना है। उन्होंने कहा कि कल तक चंद्रमा से चंद्रयान 3 बहुत ही कम दूरी 25 किलोमीटर पर था तथा इसरो का चंद्रयान 3 मिशन पर मात्र 600 करोड़ रुपए व्यय हुआ है। विद्यालय में छात्र छात्राओं ने चंद्रयान 3 के प्रसारण को लाइव देखा और सुना और देश के वैज्ञानिकों, इसरो तथा देश के प्रतिभा संपन्न टेक्नोलॉजिस्ट को नमन करते हुए गर्व की अभिव्यक्ति की। इस से पूर्व आज विद्यालय की छात्राओं ने चंद्रयान 3 मिशन के छायाचित्र बना कर अपने देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ, सभी वैज्ञानिकों और समस्त देशवासियों को इस अद्वितीय सफलता पर बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की।
