अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस – जूनियर रेडक्रॉस का निरक्षरता समाप्त करने का आह्वान

अन्य देश शिक्षा हरियाणा समाचार

सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड तथा गाइडस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के निर्देशानुसार अट्ठावनवें अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर विशेष जागरूकता अभियान के अन्तर्गत निरक्षरता समाप्त कर सभी को साक्षर बनने और बनाने का प्रयास करने का आह्वान किया। जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर, ब्रिगेड अधिकारी एवम् प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य समाज में लोगों के प्रति शिक्षा को प्राथमिकता देने को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम परिवर्तनशील विश्व में साक्षरता को बढ़ावा देना तथा टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाजों की नींव का निर्माण करना रखा गया है।
देश की उन्नति के लिए साक्षरता में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि कोरोना महामारी ने बच्चों, युवाओं और वयस्कों की शिक्षा को बहुत अधिक प्रभावित किया है और विभिन्न कठिनाइयां खड़ी की है इस से नागरिकों के बीच ज्ञान का विभाजन बढ़ा है। मनचन्दा ने बताया कि यूनेस्को द्वारा सात नवम्बर उन्नीस सौ पैंसठ को प्रथम अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया था। सम्पूर्ण विश्व में 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। प्राचार्य मनचन्दा ने बताया कि मानव विकास और समाज के लिए उनके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। सफलता और जीने के लिए साक्षरता बेहद महत्वपूर्ण है। साक्षरता का अर्थ मात्र पढ़ने लिखने या शिक्षित होने से ही नहीं है बल्कि यह हमारे अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक विकास का आधार निर्धारित कर सकता है। यू एन ओ के अनुसार सम्पूर्ण विश्व में चार अरब लोग साक्षर हैं और आज भी एक अरब लोग पढ़ लिख नहीं सकते हैं। एम एच आर डी की शैक्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार भारत की साक्षरता दर लगभग सत्तर प्रतिशत है। यह संख्या गांव और शहर दोनों को मिलाकर है। ग्रामीण भारत में साक्षरता दर पैसठ प्रतिशत है जिसमें महिलाओं की साक्षरता दर तो पुरुषों की साक्षरता दर से कम है। जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि भारत में साक्षरता दर कम होने के पीछे विभिन्न कारण हैं जैसे विद्यालयों की कमी, स्कूल में शौचालय आदि का अच्छी अवस्था में न होना, पिछड़ापन, गरीबी, लड़कियों से छेड़छाड़ होने का डर, जागरूकता की कमी, माता पिता की आर्थिक कठिनाई तथा और भी अनेकों समस्याएं हैं। प्राचार्य मनचन्दा ने जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सभी छात्र छात्राओं का बहुत बहुत आभार और अभिनन्दन किया क्योंकि अध्यापकों और छात्राओं के सक्रिय सहयोग से ही इन्हें आयोजित करना सम्भव है। आज प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने सभी पढ़े सभी बढ़े एवम साक्षरता के प्रसार के लिए सभी से अपील की कि वे अपने परिवार एवम संबंधियों के निरक्षर सदस्यों को साक्षर बना कर देश की उन्नति में सहयोग करें। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने सभी बालिकाओं से आग्रह किया कि यदि आप के आस पास कोई ऐसा बच्चा है जो विद्यालय न जाता हो तो आप सब प्रयास करें कि वह बच्चा भी विद्यालय में प्रवेश लें। सभी को चाहिए कि वे सिर्फ साक्षर ना बनें, बल्कि भारत के उज्ज्वल भविष्य के प्रति संकल्पित होकर एक अच्छे देश के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *