एसकेएम न्यूज़ सर्विस
देहरादून। आज भारतीय जनता पार्टी ‘‘मैं हूं मोदी का परिवार’’ को चुनाव प्रचार का प्रमुुख हिस्सा बनाकर आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही राम मंदिर को उपलब्धियों की सूची में दर्ज कर हिंदू भावनाओं को भी वोट के रूप में परिवर्तित करते हुए 400 पार का सपना देख रही है। ‘‘मैं हूं मोदी परिवार’’ का नारे की शुरूआत कहां से हुई। यह सवाल प्रत्येक देशवासी के जहन में उमड़ रहा है। किसी के पास जवाब हो या नहीं लेकिन यह बात प्रत्येक भाजपाई जानता है कि लालू प्रसाद यादव ने श्री मोदी के परिवार को लेकर एक बयान दे दिया था। बस इसी बयान को भाजपा ने मुद्दा बनाया और हर कोई ‘‘मैं हूं मोदी का परिवार’’ के नारें को बुलंद करने लगा। कल तक जो मुद्दें भाजपा चुनाव के लिये गिना रही थी वह सभी गौण हो गये। अब एक नये नारे के साथ 400 पार की बात हर मंच पर उठाकर भाजपा लोकसभा चुनाव जीतना चाह रही है। भाजपा 400 पार करती है या फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिये 272 के आकंडे को प्राप्त करेगी यह तो 4 जून को पता चल जायेगा। भाजपा के 400 पार का आकड़ा एक सपना इसलिये कहा जा रहा है कि क्योंकि लोकसभा की े543 सीटों के लिये चुनाव हो रहे है। इनमें 31 राज्यों की 543 लोकसभा सीटे शामिल है। 31 राज्यों की इन सभी सीटांे पर गौर करे तो भाजपा के लिये 400 पार वाक्य में वो सपना नजर आ रही है जो खुली आंखों से देखा जाता है। और खुली आंखों का सपना कभी पूरा नहीं होता। भाजपा शायद यह भूल चुकी है कि उसे हिंदी भाषी राज्यों से तो सीटें मिल जायेगी लेकिन जो दक्षिण का हिस्सा है वहां से वह कैसे सीटेें जीतेगी दक्षिण में तो भाजपा का वजूद तक नहीं है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलगांना, के साथ -साथ केेंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और पाण्डुचेरी शामिल है। वहीं पश्चिम बंगाल में ममता की सरकार है। यहां लोकसभा की 42 सीटंे है जबकि भाजपा का गढ़ उत्तरप्रदेश में 80 लोकसभा सीटें है जहां विधानसभा चुनाव में तो भाजपा की पकड़ मजबूत रही लेकिन लोकसभा चुनाव में सपा भी मजबूती के साथ मैदान में खड़ी हुई है। वहीं इंडिया गठबंधन से क्या भाजपा पार पा लेगी। दक्षिण में भी भाजपा की स्थिति मजबूत नहीं कही ं जा सकती। ऐसे में 400 पार भाजपा कैसे नजर आयेगी। यह बात खुद भाजपा के दिग्गज नेता समझ नहीं पा रहे है लेकिन जिस चेहरे को आगे कर भाजपा चुनाव लड़ रही है उसी चेहरे ने 400 पार का नारा दिया था। जहां तक बात उत्तराखण्ड राज्य की है तो यहां पांच लोकसभा सीटें है जिनमें नैनीताल, अल्मोड़ा, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल शामिल है। टिहरी से जहां महारानी राज्य लक्ष्मी शाह भाजपा की प्रत्याशी है तो वहीं कांग्रेस से जोत सिंह बिष्ट चुनाव मैदान में है। पौड़ी गढ़वाल से भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी का सामना कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल से है यहां से भाजपा ने वर्तमान सांसद तीरथ सिंह रावत का टिकट काटा और अनिल बलूनी पर दांव लगा दिया। टिकट कटने की बात तीरथ सिंह भी नहीं समझ पा रहे है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया है। वहीं हरिद्वार सीट पर भी भाजपा ने वर्तमान विधायक डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का टिकट काटकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतारा यहंा उनका सामना उत्तराखण्ड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र विरेन्द्र रावत से है। विरेन्द्र रावत कांग्रेस प्रत्याशी है। वहीं अल्मोड़ा, नैनीताल में भाजपा प्रत्याशी के रूप में अजय भट्ट एवं अजय टम्टा चुनाव लड़ रहे है। दोनों ही वर्तमान सांसद है। उत्तराखंड मंे पहले भाजपा को पांचों सीटें मिली हुई थी लेकिन इस बार लग रही रहा है कि भाजपा पांचों सीटोें पर कमल खिला पायेगी।