23 अप्रैल को मनाया जायेगा हनुमान जन्मोत्सव

अन्य उत्तर प्रदेश समाचार उत्तराखंड कुमांऊँ समाचार खेल गढ़वाल समाचार देश धर्म मनोरंजन राजनीति

देहरादून। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन श्री राम के परम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसी के कारण हर साल इस दिन हनुमान जयंती के रूप में मनाते हैं। इसके अलावा कई जगहों पर कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भी जन्मोत्सव मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी ने केसरी और माता अंजना के घर जन्म लिया था। इस दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को हर एक दुख-दर्द से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।आचार्य सुशांत राज ने बताया कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 23 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर होगा। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि समाप्त 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगी। हनुमान जयंती पूजा का मुहूर्त 23 अप्रैल को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त- 23 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 04 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक होगा। आचार्य राज ने बताया की इस साल हनुमान जयंती मंगलवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में इस जयंती में पूजा करने का कई गुना अधिक फल मिलेगा। इसके साथ ही सुबह से लेकर रात 10 बजकर 32 मिनट तक चित्रा नक्षत्र रहेगा। इस दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भगवान श्री राम भी प्रसन्न होते हैं और कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।कहा जाता है कि भगवान हनुमान का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था इसी के कारण इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करने के साथ हनुमान जी की विधिवत पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस हनुमान चालीसा, मंत्र आदि पड़ने से वह हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।
हनुमान जी का मूल मंत्र:
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
हनुमान जी का कवच मूल मंत्र
श्री हनुमते नमः

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *