डॉक्टर आचार्य सुशांत राज
देहरादून , 15 जून। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने जानकारी देते हुये बताया की 16 जून 2024 रविवार को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी तरह के पाप मिट जाते हैं। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी, हस्त नक्षत्र में देवी गंगा शिव जी की जटाओं से निकलकर धरती पर आई थीं। इसलिए इस दिन को उनके नाम के रूप में मनाया जाता है। गंगा दशहरा के शुभ दिन पर मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा करने का विधान है। इस साल यह तिथि बेहद शुभ होने वाली है, क्योंकि इस बार गंगा दशहरा पर अमृत सिद्धि योग का निर्माण होगा। इस योग में स्नान और ध्यान करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। ज्योतिष में अमृत सिद्धि योग को बहुत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा पर ‘गंगा स्नान’ करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं और सुख-समृद्धि के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करना भी बेहद शुभ होता है, क्योंकि गंगा नदी शिवजी की जटाओं से निकलती हैं। इस दौरान दान करने का खास महत्व है, इससे व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है।
ज्येष्ठ माह में आने वाले सभी त्योहारों का विशेष महत्व है। इस माह में वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, अपरा एकादशी जैसे बड़े पर्व आते हैं। इन्हीं में से एक है गंगा दशहरा! ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस तिथि को बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा नदी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही दान जैसे पूण्य कार्य करते हुए गंगा में स्नान किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। यही नहीं उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। शास्त्रों में गंगा माता को मोक्षदायिनी भी कहा गया है। ये भी माना जाता है कि गंगा नदी शिव जी की जटाओं से निकलती हैं, इसलिए इस दिन शिव जी की भी पूजा करनी चाहिए। इससे विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
इस साल 16 जून 2024 के दिन गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इस दिन स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त बेहद शुभ होता है। हालांकि, गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर सुबह 7 बजकर 8 मिनट से सुबह 10:37 तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है।
गंगा स्नान करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से 10 पाप नष्ट हो जाते हैं। इनमें निषिद्ध हिंसा, परस्त्री गमन, बिना दी हुई वस्तु को लेना, कठोर वाणी, दूसरे के धन को लेने का विचार, दूसरों का बुरा करना, व्यर्थ की बातों में दुराग्रह, झूठ बोलना, चुगली करना, दूसरों का अहित करना शामिल है।
गंगा दशहरा की पूजा विधि
गंगा दशहरा पर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करें।
इसके बाद साफ वस्त्रों का धारण करके सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
इस शुभ दिन पर गंगा मां के साथ-साथ शिव जी की पूजा करने का भी विधान है।
इस दौरान गंगा स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
पूजा के बाद आप जरूरतमंद लोगों को दान कर सकते हैं।