देहरादून। आज हरिद्वार में अमर शहीद दस्तावेज धरोहर सुरक्षा समिति की बैठक की गई जिसमें समितिने सबसे पहले राष्ट्रगान गाकर इंद्रमणि बडोनी जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी व 2 मिनट का मोन रखा गया अध्यक्ष व राज्य आंदोलनकारी चिंतन सकलानी ने कहा कि इंद्रमणि बडोनी ने राज्य की लड़ाई ना लड़ी होती तो शायद उत्तराखंड ना बनता इंद्रमणि बडोनी जी ने अपना पूरा जीवन उत्तराखंड की लड़ाई में समर्पित कर दिया पर उनकी कुर्बानी को उत्तराखंड के नेताओं ने बेकार कर दिया इंद्रमणि बडोनी जी का सपना था की पहाड़ों का विकास हो उत्तराखंड के अंदर सभी लोग बेरोजगार ना हो उत्तराखंड के अंदर महंगाई ना हो उत्तराखंड के अंदर कानून व्यवस्था सही प्रकार से चले पर उत्तराखंड बनने के बाद बाहर के लोगों ने यहां कब्जा कर लिया जमीनों पर और नेता लोग आपस में सिर्फ कुर्सी की लड़ाई होती रहती है और उत्तराखंड का विकास करने मैं सरकार नाकाम रही उत्तराखंड के अंदर 7 से भी ज्यादा मुख्यमंत्री बदले गए यह राजधानी का हाल है बस राष्ट्रीय पार्टियों में एक दूसरे की टांग खिंचाई की जाती है जिस कारण उत्तराखंड का विकास नहीं हो पाता है उन शहीदों पर क्या बीत रही होगी जिन्होंने उत्तराखंड की राज्य की लड़ाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दी कुछ युवा ऐसे थे जिनकी शादी आंदोलन के दौरान होनी थी पर आंदोलन के दौरान उनकी शादी नहीं हुई और वह उत्तराखंड की लड़ाई में शहीद हो गए समिति द्वारा तय किया गया कि उत्तराखंड आंदोलन कारी सभी मिलकर एक चर्चा करेंगे जिसमें यह चर्चा की जाएगी शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने की यही इंद्रमणि जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी इंद्रमणि बडोनी अमर रहे समर्थन में 1 अध्यक्ष की चिंतन सकलानी अमित परमार मुकेश मोगा जमुना देवी दीपक विनोद कुमार लक्ष्मी देवी इंदिरा देवी गंगा देवी अलका माया देवी कमलेश कल्पेश्वरी नेगी सुभागा फर्शवान विकास रावत आदि उपस्थित थे