देहरादून। परिवहन विभाग सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन, इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा (आइआरएडी) को लागू करने की तैयारी कर रहा है। इस एप से पुलिस, परिवहन, लोक निर्माण विभाग व स्वास्थ्य विभाग को जोड़ा जाएगा। दुर्घटना की स्थिति में मौका मुआयना कर विभाग पूरी रिपोर्ट एप में भेजेंगे। इससे दुर्घटनाओं के आंकड़े और कारणों की जानकारी मिलने के साथ ही सुधार व सुरक्षात्मक कदम उठाने में भी मदद मिलेगी। इस एप को आइआइटी मद्रास ने तैयार किया है। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए लगातार कई कदम उठाए जा रहे हैं। अब परिवहन विभाग इसके लिए आइआइटी मद्रास द्वारा तैयार की गई मोबाइल एप आइआरएडी का इस्तेमाल प्रदेश में दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कर रहा है। इसमें सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों को जोड़ कर एक लाग इन आइडी दी जाएगी। हर विभाग दुर्घटना होने पर इस एप में अपनी सूचना दर्ज करेगा। दुर्घटना स्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस विभाग इसकी जीपीएस लोकेशन दर्ज करने के साथ ही यह भी जानकारी देगा कि एक्सीडेंट किससे हुआ है। यह पूरा डाटा वाहन साफ्टवेयर में आ जाएगा। पुलिस विभाग के बाद परिवहन विभाग के तकनीकी अधिकारी मौका मुआयना करने के साथ ही वाहन का निरीक्षण भी करेंगे। इसकी पूरी जांच रिपोर्ट नेशनल हाईवे और लोक निर्माण विभाग के पास भी आ जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर दुर्घटना स्थल में सुधार की कार्रवाई की जाएगी। विभाग की योजना आने वाले समय में 108 एंबुलेंस सेवा को भी इससे जोड़ने की है ताकि घायलों को प्राथमिक चिकित्सा देकर अस्पताल पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही इसमें आम नागरिक को भी जोड़ने की योजना है। आम नागरिक किसी भी दुर्घटना का पहला गवाह होता है। वह इस एप के जरिये घटना की सूचना देगा ताकि त्वरित राहत बचाव कार्य शुरू किए जा सकें। एप का फायदा यह होगा कि इससे आने वाले समय में दुर्घटना का पूरा डाटा एकत्र हो सके। इसके साथ ही विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी भी इसमें देखी जा सकेगी। सचिव परिवहन डा. रणजीत कुमार सिन्हा ने इस एप पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं।