नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बदले रूप डेल्टा प्लस वैरिएंट ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। देश के कई राज्यों में इस वायरस ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही तीसरी लहर से निपटने को लेकर तैयारियों में जुटी केंद्र सरकार की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश समेत 12 राज्यों में डेल्टा वैरिएंट के 50 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं। बताया जा रहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कई गुना तेजी से फैलता है। सरकार ने इससे निपटने के लिए टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया है।
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से निपटने के लिए हमें अतीत से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, जैसा कि अब हम संभावित तीसरी लहर और डेल्टा प्लस जैसे नए वैरिएंट से निपटने के लिए तैयार हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण है कि हम क्या कर सकते हैं। अतीत से हमने जो सबक सीखा है, उस पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमें सोचना होगा कि हम अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को कैसे मजबूत कर सकते हैं।
उत्तराखंड के नैनीताल में इस खतरनाक वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी सतर्क हो गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी विभाग की तरफ से जांच के लिए जिले से भी समय-समय पर 15 सैंपल नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल पुणे को भेजे जाएंगे।
झारखंड में डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर सख्ती शुरू हो गई है। जिन राज्यों में इस वैरिएंट के संक्रमित मिले हैं, वहां से आने वालों की अनिवार्य रूप से जांच करने को कहा गया है। इसके साथ ही टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने वाले सभी लोगों को कोविड अस्पतालाें में भर्ती कराने और 24 घंटे के अंदर कांटेक्ट ट्रेसिंग करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण :-
इसके सामान्य लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार और थकान शामिल हैं।
इसके अलावा गंभार लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में परेशानी और बात करने में तकलीफ शामिल हैं।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर जो लक्षण बताएं हैं वो हैं- त्वचा पर चकत्ते पड़ना, पैर की उंगलियों के रंग में बदलाव होना, गले में खराश, स्वाद और सूंघने की क्षमता कम होना, दस्त व सिरदर्द।