देहरादून 27फरवरी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि भविष्य की पीढ़ियों को स्वच्छ जल संसाधन सौंपना प्रत्येक भारतीय का पवित्र कर्तव्य तथा नैतिक जिम्मेदारी है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन से अतुल्य गंगा साइक्लॉथन 2022 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अतुल्य गंगा साइक्लॉथन 2022 गंगा नदी के पुनर्जीवीकरण का अभियान है। इस अभियान के तहत ले ज आलोक क्लेर के नेतृत्व में 1000 भूतपूर्व सैनिक उत्तराखण्ड के गंगोत्री से गंगासागर, बंगाल की खाड़ी तक साइकिल यात्रा के माध्यम से गंगा की स्वच्छता और पुनर्जीवीकरण के संदेश जन-जन तक पहुंचाएगे। यह साइक्लिंग महाअभियान 02 मार्च 2022 से 02 अपै्रल 2022 तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि इन साहसी और जोशीले भूतपूर्व सैनिकों ने अपने जीवन के अगले 11 वर्ष देशभर की सूखती और प्रदूषित नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए समर्पित कर दिए हैं। इन भूतपूर्व सैनिकों ने अतुल्य गंगा ट्रस्ट के माध्यम से गंगा नदी से इस महाअभियान का शुभारम्भ रविवार को राजभवन से किया। महाअभियान से जुड़े भूतपूर्व सैनिकों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि आज हमारा पर्यावरण ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण के कारण अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। विशेषकर जल प्रदूषण हमारे समक्ष एक बड़ी चुनौती है। पानी पर रेड अलर्ट जारी हो चुका है। हमारा जल गुणवत्ता सूचकांक 120वें स्थान पर है। यह अत्यन्त चिंता का विषय है। राज्यपाल ने कहा कि आज हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि जल को बचाने के लिए आगे आए। विशेषकर युवा वर्ग को मानवता को जल प्रदूषण से बचाने तथा जल संरक्षण के लिए पहल करनी होगी। भूतपूर्व सैनिकों का उत्साहवर्धन करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि निश्चित ही गंगोत्री से गंगासागर तक का यह साइक्लिंग महाअभियान लाखों युवाओं को नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु प्रेरित करेगा। इससे प्रदूषण का सटीक आकलन होगा। इस महाअभियान के तहत वृक्षारोपण अत्यन्त सराहनीय है। राज्यपाल ने अपील की कि इस अभियान के तहत लोगों को गंगा पर प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने अनुरोध किया कि लोग सिंगल यूज्ड प्लास्टिक का प्रयोग न करें। इस अवसर पर ले ज अनिल पुरी, ब्रि. विकास रोहेला, ब्रि. नरेन्द्र चराग, बि. जयाचन्द्रन सीजे, कर्नल अमित बिष्ट, ले ज जितेन्द्र कृषानिया तथा बड़ी संख्या में साइक्लॉथन में प्रतिभाग करने वाले भूतपूर्व सैनिक उपस्थित थे।