faridabad. शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमति रितु चौधरी के आदेशानुसार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद में विश्व श्रवण दिवस पर प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड एवम गाइड्स द्वारा असेंबली में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्राध्यापिका सोनिया ने छात्राओं की श्रवण दिवस के बारे में विस्तार से बताया। छात्राएं आस्था, मोनिका और अंजली ने भी पोस्टर के माध्यम से तेज शोर, कानों में लीड का प्रयोग एवम तेज संगीत सुनने से बचने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में सात सौ से अधिक छात्राएं और अध्यापक उपस्थित रहे। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने अपने संबोधन में कहा कि 3 मार्च 2007 को पहली बार विश्व श्रवण दिवस मनाया। 2016 में इस दिवस को वर्ल्ड हियरिंग डे के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया गया। इस से पहले इसे अंतरराष्ट्रीय ईयर केयर डे के नाम से जाना जाता था। संचार एक मौलिक मानव अधिकार है और जो लोग इस विकार और कठिनाइयों से गुज़रते हैं उनके लिए जुड़ना मुश्किल हो जाता है। विश्व में 360 मिलियन लोग बहरेपन की अक्षमता से पीड़ित हैं। इस बार विश्व श्रवण दिवस की थीम जीवन भर सुनें, ध्यान से सुनें है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि लम्बे समय तक तेज संगीत और अन्य तरह के शोर के संपर्क में आने का खतरा कितना गंभीर है उसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इस शोर के कारण में लगभग 12 से 35 वर्ष के 100 करोड़ लोगों पर स्थाई तौर पर बहरा होने का खतरा मंडरा रहा है। इससे न केवल उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है साथ ही शिक्षा और रोजगार की संभावनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। निजी क्षेत्रों को भी चाहिए कि वे अपने उत्पादों, स्थानों और कार्यक्रमों में सुनने की सुविधाओं को सुरक्षित करने के लिए इन रिकोमेंडेशंस को लागू करे। इसके साथ ही लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए सामाजिक संगठनों, माता-पिता, शिक्षकों और चिकित्स्कों का भी उत्तरदायित्व है कि वो युवाओं को श्रवण सम्बन्धी सुरक्षित आदतों के लिए शिक्षित करें। प्राचार्य ने सभी छात्राओं और अध्यापकों से अधिक तेज शोर से दूर रहने का प्रयास करने के लिए कहा।