ऋण प्रदान करने के लिए समझौता किया

उत्तराखंड गढ़वाल समाचार

देहरादून, 30 मार्च। भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में से एक, बैंक ऑफ बड़ौदा (बैंक) और भारतीय रिजर्व बैंक के साथ पंजीकृत एक प्रमुख प्रणालिगत महत्वपूर्ण गैर-जमा एन.बी.एफ.सी., पैसालो डिजिटल लिमिटेड (पैसालो) ने घोषणा की, उन्होंने संयुक्त तौर पर ऋण प्रदान करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (एम.एस.एम.ई.) और महिला उद्यमियों को आय का सृजन हेतु छोटे आकार के ऋणों तक पहुँच प्रदान करेगी।
बैंकिंग सेवा से वंचित और पर्याप्त सेवा प्राप्त न कर पाने वाले वर्गों के लिए ऋण प्रदान करने की सेवा को बेहतर बनाने हेतु भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकों और एन.बी.एफ.सी. के द्वारा संयुक्त तौर पर ऋण प्रदान करने के परिपत्र के अनुरूप, बैंक ऑफ बड़ौदा और पैसालो की ऋण प्रदान करने की यह संयुक्त व्यवस्था इस बैंक की निधियों और ऋण के आँकलन की विशेषज्ञता के साथ-साथ छोटे अकार के आय का सृजन करनेवाले प्राथमिकता वाले क्षेत्र के ऋणों की प्राप्त करने, सेवा प्रदान करने और वसूल करने के लिए एक संपूर्ण डिजिटल प्लैटफॉर्म की मदद से पैसालो के नियम इंजन-आधारित ऋण उत्पन्न करने और आर्थिक समर्थन प्रदान करने की क्षमताओं का लाभ उठायेगा।
पैसालो डिजिटल लिमिटेड के सहायक मुख्य कार्यकारी अधिकारी, शांतनु अग्रवाल ने कहा, “पैसालो के लिए यह एक बड़ा अवसर है और यह व्यापक तौर पर भारत की 365 मिलियन अपर्याप्त बैंकिंग सेवा और कम सेवा प्राप्त करने वाले लोगों के लिए रु. 8 लाख करोड़ के इस बाज़ार का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बैंक ऑफ बड़ौदा-पैसालो संयुक्त ऋण उत्पाद भारत के पिरामिड सरीख़ी जनसँख्या के निचले भाग के लिए बैंकिंग के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और निर्बाध समाधान तैयार करने के पैसालो के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
बैंक ऑफ बड़ौदा के एम.एस.एम.ई. बिज़नेस के प्रमुख ध्रुबाशीष भट्टाचार्य ने कहा, “पैसालो के साथ यह समझौता बैंक ऑफ बड़ौदा को बाज़ार के एक बड़े वर्ग के छोटे व्यवसायों, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों, कृषि/ संबद्ध कृषि उद्यमों का लाभ उठाने और उन्हें सेवा प्रदान करने में सक्षम बनाता है – जिसके लिए अब तक वित्तपोषण के औपचारिक स्रोतों तक पहुँच पाना कठिन रहा है। सही सहयोग प्रदान करने के साथ, ऐसे कई व्यवसायों में प्रगति करने और विस्तार करने की क्षमता है, जो कई और लोगों को आजीविका और रोज़गार के अवसर प्रदान कर सकते हैं। आर.बी.आई. के संयुक्त तौर पर ऋण प्रदान करने के मानदंडों के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा और पैसालो के बीच यह व्यवस्था हमें प्राथमिकता वाले वर्ग को ऋण प्रदान करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में मदद करेगी।”

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