संजय अग्रवाल
डोईवाला। पारंपरिक हिमालयी चिकित्सा प्रणाली की उभरती प्रासंगिकता” विषय पर हिमालयीय विश्वविद्यालय देहरादून एवं गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान कोसी अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठि का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में उत्तराखंड एवं अन्य राज्यों से लगभग 170 प्रतिभागियों ने अपने पत्र प्रस्तुत किया संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी जी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार भारद्वाज जी कुलपति प्रोफेसर काशीनाथ जीना मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर विनोद प्रकाश उपाध्याय गोविंद बल्लभ पंत से सीनियर वैज्ञानिक डॉक्टर इंद्र दत्त भट्ट डॉ आशीष पांडे अरुण बडोनी जी हिमालय आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल कुमार झा प्रोफेसर नीरज श्रीवास्तव डॉक्टर निशांत राय जैन उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से डॉक्टर दीपक सेमवाल जी आदि गणमान्य विद्वान उपस्थित रहे उद्घाटन सत्र के पश्चात ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन आयोजित हुआ जिसमें वक्ताओं ने हिमालयन मेडिसिन सिस्टम पर एवं इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए एवं उसमें अधिक से अधिक शोध पर बल दिया। उद्घाटन सत्र का मंच संचालन प्रबंधन विभाग की पूजा धवन के द्वारा किया गया एवं प्रथम तकनीकी सत्र का मंच संचालन डॉक्टर शिवानी रावत के द्वारा किया गया संगोष्ठी के समन्वयक डॉक्टर अनूप बलूनी सहसमन्वयक हरीश ढोंढ़ियाल डॉक्टर एस के श्रीवास्तव मौसमी जैना डॉक्टर मनीष अग्रवाल डॉक्टर निधि उपाध्याय डॉक्टर इंदु भारती नवानी एवं सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष संगोष्ठी में उपस्थित रहे तकनीकी रूप से संचालन मोहित पोखरियाल जी एवं राहुल देव जी राकेश पोखरेल जी प्रशासनिक व्यवस्थाओं में योगदान हेतु हरीश नवानी जी ने पूर्ण रूप से संगोष्ठी के प्रथम दिवस में अपनी सहभागिता देकर सभी आगंतुकों का आभार अभिवादन स्वागत किया।
